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***जीना ही रह गया *** एक ख्वाब था, जो टूट गया, एक इच्छा थी, जिसे मार दिया, एक लक्ष्य बनाया था अपने लिए, वो आज भी दूर ही है मुझसे, एक काम जरूरी था कभी, वो आज भी करना रह गया, मैं आधी जिंदगी यूं ही जी गया, और देखा की जीना ही रह गया || बारिश हुई थी जोरदार सी, पर मैं भीगे बिना रह गया, लहरों के पास तो गया था, पर सागर से मिलना रह गया, गया तो था मैं पहाड़ पे, पर ऊंचाई से दुनिया देखना रह गया, नदियों पे नाव से घूमा हूँ बहुत, पर उसका उफान देखना रह गया, मैं आधी जिंदगी यूं ही जी गया, और देखा की जीना ही रह गया || आया हूँ जब से दुनिया में, कई नए लोगों से मिला हूँ, कई से मिलना रह गया, कुछ अपने छोड़ के चले गए, कुछ अपनों को मानना रह गया, कुछ दोस्त थे पुराने, उनसे एक बार और मिलना रह गया, मैं आधी जिंदगी यूं ही जी गया, और देखा की जीना ही रह गया || बची है कुछ आधी और कुछ और सी जिंदगी, सोचा है हर खवाब पूरा कर लूँ , ताकि फिर ना लिखना पड़े की कुछ करना रह गया, क्योंकि मैं आधी जिंदगी यूं ही जी गया, और देखा की जीना ही रह गया || - अक्षत भारतीय